दीपक पुड़ो छत्तीसगढ़ समाचार TV- श्री गोपी चंद बढ़ाई ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ मध्याह्न भोजन रसोईया संघ के मजदूरों का मानदेय सभी विभागों से कम है और कम मानदेय से जीवन चलाना बहुत ही कठिन है सन् 1995 से कार्य कर रहे छग मध्याह्न भोजन रसोईया संघ कर्मियों का मासिक मजदूरी आज 2000 रुपए है जबकि उनके कार्यकाल के अनुसार देखा जाए तो 20000 से 25000 होना चाहिए, प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला में महिला एवं पुरुष मध्याह्न भोजन बनाने का कार्य करते हैं।
जिससे उनका मानदेय 2000 रु प्रति माह दी जाती है और अगर रसोईया संघ अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है शासन द्वारा गरीब रसोईया को आश्वासन देकर हमेशा झुठला दिया गया है। स्कूल मध्याह्न भोजन के ऊपर शासन का कहना है कि स्व सहायता समूह चला रहा है। लेकिन सरकार संज्ञान में ले समुह केवल राशन सामग्री ही पहुंचाता है खाना बनाने का काम रसोईया का है। शालाओं में खाना बनाने का कार्य समुह से कोई लेना-देना नहीं है वह काम रसोईया ही करता है समुह का काम शालाओं मे राशन देने का है। स्कूल में रसोईया का पेडाटा भरे जाने के वजह से नरेगा में भी काम नहीं दी जाती है दिनों दिन महंगाई दर बढ़ता जा रहा है और मध्यान्ह भोजन रसोईया का वेतन वृद्धि नहीं हुई है। गोपी बढ़ाई ने सरकार से मांग किया है कि रसोईया कर्मियों को रेगुलर किया जाए और उन्हें नरेगा दर से मानदेय दिया जाए। ताकि मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ के कर्मियों का सही मजदुरी मिल सके।