दीपक पुड़ो छत्तीसगढ़ समाचार TV- विकासखंड दुर्गूकोंदल में शुक्रवार को संकुल केंद्र दमकसा में संकुल स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें माँ भारती के छायाचित्र पर अतिथियों द्वारा पुजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमकसा में कक्षा पहली,और छठवीं के छात्रों को गणवेश वितरण कर मिठाई खिलाया गया, और नवमी एवं ग्यारहवीं के नव प्रवेशी छात्रों को किताब प्रदान कर बच्चों को प्रोत्साहित कर और नई शिक्षा नीति से जोड़ने के लिए प्रवेश उत्सव मनाया गया।
जिसमें मुख्यातिथि के रूप में जनपद सभापति विकास राजु नायक और अध्यक्षता बीरेंद्र देहारी अध्यक्ष शाला प्रबंधन समिति ने की विशिष्ट अतिथि के रुप में पूर्व जनपद अध्यक्ष संतो दुग्गा, ग्राम गायता पुनऊ दुग्गा, भाजयुमो प्रशिक्षण सहप्रमुख राहुल राय, चंपा गुरुवर, अमित केमरो, ललित दुग्गा, कन्हैया पुड़ो सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करतें हुये विकास राजु नायक ने कहा कि इसी स्कूल में मैंने 2011 और 2012 में पढ़ाई किया था और आज इस स्कूल में अतिथि के रुप में उपस्थित हुआ हूँ यह मेरे लिए गौरव की बात है मुझे शिक्षा देने वाले शिक्षक द्विवेदी सर, उसेंडी सर, दरियो सर को विशेष तौर से धन्यवाद देते हुये कहा आज आपके वज़ह से ही मै इस मुकाम पर पहुंच पाया हुँ | प्रवेशोत्सव के बारे में सबने कहा लेकिन हमें शाला से जुड़े कुछ विशेष बातों को ध्यानाकर्षण करें तो हम सभी के साथ शिक्षको को पालकों का सहयोग एवं पालकों को इन बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिये समझाइश दी जायेगी। उन्हें बताया जायेगा कि असफल होने के बाद भी लगातार प्रयास से अच्छा भविष्य तैयार किया जा सकता है। इसी दिन शाला प्रबंधन और विकास समिति की बैठक भी होगी। बैठक में नये शैक्षणिक सत्र में ऐसे बच्चों पर विशेष रूप से चर्चा की जायेगी, जिनका शालाओं में नामांकन नहीं हो पाया है। समिति के सदस्य अपने विद्यालयों में शत-प्रतिशत बच्चों के नामांकन की कोशिश करेंगे और वार्षिक कार्य-योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन पर चर्चा करेंगे। शाला प्रवेश उत्सव के प्रमुख बातें यह है कि शाला प्रवेश उत्सव के दौरान प्रवेश प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जाता है, कई स्कूलों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है जिससे प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाया जा सके।शाला प्रवेश उत्सव के दौरान बच्चों और उनके माता-पिता को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। इस अवसर पर बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाता है। शाला प्रवेश उत्सव के दौरान माता-पिता और शिक्षकों के बीच संवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है, माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा में भाग लेने और स्कूल के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके, शाला प्रवेश उत्सव बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने और उन्हें अपने शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने में मदद करता है। किसी भी चीज को सीखना एक उपहार है जब यह कठिन हो तब भी आगे बढ़ते रहें, शिक्षा हम सबको अवसर प्रदान करती है शिक्षक और माता-पिता यात्रा का हिस्सा हैं और हर दिन सीखने का चुनाव करें आप हम सब सक्षम हैं। शिक्षा का मतलब केवल स्कूल जाना व डिग्री लेना ही नहीं है। यह आपके ज्ञान को बढ़ाने व जीवन की सच्चाई को जानने के बारे में है। शिक्षक चाक और चुनौतियों के सही मिश्रण से जीवन बदल सकते हैं। एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं, यदि हम किसी चीज को पढ़ और जान सकते हैं, तो अपने शिक्षक को धन्यवाद दें। मनुष्य को हर कदम पर दूसरों के साथ व सहयोग की जरूरत पड़ती है। चाहे बात जीवन की कठिनाइयों की हो या किसी परीक्षा की। जीवन में कठिनाईयों की बात करें तो हमारा परिवार, रिश्तेदार दोस्तों की सहयोग मिलता है और वहीं परीक्षा की बात करें तो हमें शिक्षक और गुरु की आवश्यकता पडती है, अगर कोई हमें हरदम आगे बढ़ते रहने की हिम्मत दे, तो कठिन सफर भी आसान लगने लगता है। इसी तरह आज के प्रतिस्पर्धा के इस युग में छात्रों को भी समय-समय पर प्रेरणा व निरंतर डटे रहने के धैर्य की आवश्यकता होती है। अगर शिक्षक किसी छात्र को अपने शब्दों के माध्यम से प्रेरित कर सकते हैं या फिर हम ही शिक्षा पर अनमोल वचन की तलाश कर उनके लिए प्रेरणा बन रहे हैं, सपना और लक्ष्य सुनने में तो एक से लगते हैं, लेकिन इनमें बहुत थोड़ा सा अंतर होता है,सपनों के लिए बिना मेहनत की नींद लगती है,लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत लगती है, न कभी हिम्मत हारना, न कभी पीछे मुड़ना, मुश्किलें जितनी भी हो जीवन में तुमको है बस आगे बढ़ना,जो संघर्ष करता है वो जरूर चमकता है, मेहनत से दूर भागने वाला दर बदर भटकता है। और आज की स्थिति में आंचलिक क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है इन्ही चीजों को देखते हुये छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रत्येक स्कूलों में नवप्रवेशी बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्सव के रुप में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है | जिसमें ग्रामीण महेश दुग्गा,रबिलाल पटेल, योगेश गावड़े, मोहन गुरु, प्राचार्य कुमुदनी ध्रुव, पीटीआई मनोज दरियो, व्याख्याता आलोक द्विवेदी, रामभरोस उसेंडी, विमल भालेश्वर, वैद्य सर, संकुल समन्वयक गोवर्धन मंडावी सहित प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेंड्री स्कूल दमकसा के समस्त शिक्षक शिक्षीकायें सहित स्टॉप के सदस्यगण उपस्थित रहे |
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