दीपक पुड़ो छत्तीसगढ़ समाचार TV- विकासखंड दुर्गूकोंदल में छत्तीसगढ़ के नया शिक्षा सत्र शुरूआत हुआ है, और इस अवसर पर पूरे प्रदेश में शाला प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस उत्सव का उद्देश्य न केवल बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करना है, बल्कि शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने और शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करना भी है।
इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में जनांदोलन का रूप देने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में सरपंच रमुला नरेटी, अध्यक्षता शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष घमेश्वर कोमरा ने की विशेष अतिथि के रुप में उपसरपंच विनोद मंडावी शाला विकास समिति के सदस्य राजेन्द्र नरेटी , जगदेव कोरेटी, ग्राम पटेल, श्री राम नरेटी, अशोक नरेटी सहित जनप्रतिनिधि शामिल रहे |
जिसमें घमेश्वर कोमरा ने सम्बोधित करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की प्राथमिकता से पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंच सके। प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, परंतु यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि असंभव को संभव बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो।राज्य में शिक्षा को लेकर एक जनांदोलन की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की स्कूल तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को भी एक नई दिशा मिलेगी। प्रदेश सरकार के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण को गति मिलेगी।
प्राचार्य राजबत्ती पोटाई ने सम्बोधित करतें हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शाला प्रवेशोत्सव के दौरान सक्रिय रूप से भाग लें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे। यह पहल शिक्षा को एक सामाजिक आंदोलन का रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से न केवल बच्चों का नामांकन बढ़ेगा, बल्कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं और शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं। समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे।” उन्होंने विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शैक्षणिक माहौल को मजबूत करने पर जोर दिया है। जिससे वानांचल क्षेत्र के बच्चों को उचित शिक्षा मिले इस पर हम पूर्ण भागीदारी निभाने की कोशिश कर रहे है| आप सभी ने इस उत्सव में आकर इस उत्सव का हिस्सा बने जिसके लिए आप सभी का हृदय से आभार वक़्त करती हूँ| जिसमें प्रमुख रुप से ग्राम के ग्रामवासी और शाला के समस्त स्कूली स्टॉप उपस्थित रहे और बच्चों को प्रोत्साहित किया।