दीपक पुड़ो छत्तीसगढ़ समाचार TV- छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, जिला उत्तर बस्तर कांकेर ने सहायक खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती अंजनी मंडावी से जुड़े प्रकरण में शासन के समक्ष निष्पक्ष एवं न्यायिक जांच की मांग रखी है। संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा कि बिना सत्यापन और स्पष्ट जांच के, किसी भी शासकीय सेवक पर आधारहीन आरोप लगाना न केवल उनके मनोबल पर आघात करता है, बल्कि संपूर्ण प्रशासनिक प्रणाली के विश्वास को भी कमजोर करता है।
संघ ने ज्ञापन में कहा कि श्रीमती अंजनी मंडावी पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत एवं भ्रामक हैं। जांच प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले ही उन्हें मानसिक और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह स्थिति किसी भी शासकीय अधिकारी की सम्मानजनक सेवा परिस्थितियों के अनुरूप नहीं है।
संघ का स्पष्ट कहना है
हम किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं हैं। हमारी मांग केवल यह है कि सत्य को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच हो। प्रत्येक शासकीय सेवक की गरिमा और अधिकारों की रक्षा होना आवश्यक है।”
संघ ने आगे यह भी उल्लेख किया कि शासकीय सेवकों के मनोबल, कार्यक्षमता और निष्पादन का सीधा संबंध उनके सम्मान और कार्य वातावरण से जुड़ा है। यदि किसी अधिकारी को पूर्वाग्रह आधारित आरोपों के कारण मानसिक तनाव झेलना पड़े, तो यह संपूर्ण विभागीय माहौल को प्रभावित करेगा।
ज्ञापन सौंपते समय संघ के विकासखंड एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से
बाबूलाल कोमरा, बैजनाथ नरेटी, राजबत्ती पोटाई, सरस्वती गायकवाड़, सतीश ठाकुर, संयोगिता गायकवाड़, हेमलता नरेटी, कमला नरेटी, जयराम कश्यप, सोमेश्वर हुपेंडी, सोमनाथ कोडोपी, लता धु्व, अरुण ध्रुव शामिल रहे।
संरक्षक मंडल:
बैजनाथ नरेटी, हेमलता नरेटी, सतीश ठाकुर, सोमनाथ कोडोपी, तेजभान शोरी, सिताप नरेटी, चैतराम उसेंडी, चेतन कोड़ोपी, मयाराम दुग्गा।
संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि न्यायिक जांच में विलंब या एकतरफा कार्यवाही की स्थिति बनी, तो संघ आगे चरणबद्ध आंदोलनात्मक निर्णय लेने पर मजबूर होगा।
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